कभी था गुरुर तुम्हारे साथ का
आज दूरियों से जुडी हर बात है
कभी दुनिया में ऐब नहीं आता था नजर
आज तोह उलझाने ही जैसे हमसफ़र
ये तन्हाई ऐसी छाई
के अब ये आलम है
के ख्वाबो में भी तुमसे
मुलाक़ात नहीं होती
तस्सवुर की हकीकत पे मात नहि होती
एहसास तुम्हारे ना भुला पाते है
और नहीं होते है हासिल
हर घडी तुम्हारी यादो से परेशां है ये दिल
कभी हर राह पे तुम्हारे चर्चे होते थे
आज तुम्हारे जिक्र से भी टूटती नहीं ये खामोशिया
जाहा थे तुम्हारे जलवे और तुम्ही से जहा होती बहार है
वही आज विराना है , मै हु और तुम्हारा इन्तेजार है
आज दूरियों से जुडी हर बात है
कभी दुनिया में ऐब नहीं आता था नजर
आज तोह उलझाने ही जैसे हमसफ़र
ये तन्हाई ऐसी छाई
के अब ये आलम है
के ख्वाबो में भी तुमसे
मुलाक़ात नहीं होती
तस्सवुर की हकीकत पे मात नहि होती
एहसास तुम्हारे ना भुला पाते है
और नहीं होते है हासिल
हर घडी तुम्हारी यादो से परेशां है ये दिल
कभी हर राह पे तुम्हारे चर्चे होते थे
आज तुम्हारे जिक्र से भी टूटती नहीं ये खामोशिया
जाहा थे तुम्हारे जलवे और तुम्ही से जहा होती बहार है
वही आज विराना है , मै हु और तुम्हारा इन्तेजार है